यूक्रेन में रूस के हमले के साथ ही कच्चे तेल का दाम 2014 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पहुँच गया। गुरुवार को एक समय तो इसकी क़ीमत 105 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गयी। समझा जाता है कि रूस-यूक्रेन संकट बने रहने के साथ ही यह और भी महंगा हो सकता है। तो सवाल है कि भारत पर इसका असर क्या पड़ेगा? जब कच्चे तेल महंगे होंगे तो भारत में डीजल-पेट्रोल तो महंगा होगा ही। तो सवाल है कि यह कितना महंगा होगा और कब?
यूक्रेन संकट से कच्चा तेल रिकॉर्ड स्तर पर; जानिए, कितना महंगा होगा डीजल-पेट्रोल
- अर्थतंत्र
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- 24 Feb, 2022
यूक्रेन संकट के साथ ही क्रूड ऑयल 7 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है तो भारत में डीजल-पेट्रोल कितना महंगा होगा? जानिए, कब से देश में बढ़ सकते हैं दाम।

हर दिन कच्चे तेल महंगे होने पर हर दिन ही भारत में भी डीजल-पेट्रोल के दाम तय होते हैं। लेकिन पिछले तीन महीने यानी क़रीब से 100 दिन से ज़्यादा समय से क़ीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। तो डीजल-पेट्रोल के दाम क्यों नहीं बढ़े? वैसे इस सवाल के जवाब में भारतीय तेल कंपनियों ने तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना यह जाता है कि चुनाव की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है क्योंकि सरकार चुनावी नुक़सान की वजह से ऐसा नहीं चाहती है।