संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते का आज आखिरी दिन है। राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन को लेकर गतिरोध अभी भी बना हुआ है। आज विपक्ष का विरोध करने के लिए बीजेपी सांसदों ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने विरोध जताया और ये विरोध विपक्ष के आचरण के खिलाफ था। आखिर गतिरोध तोड़ने में कौन करेगा पहल? क्या संसदीय कार्याही में विरोध ही केवल एक प्रबल हथियार है? किसकी ज़िद्द कौन तोड़ेगा?