संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को एक बार फिर हंगामा हुआ और इसके बाद दोनों सदनों को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि उन्हें सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में नहीं बुलाया गया।
उधर, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने बिना चर्चा के ही चुनाव सुधार विधेयक सदन में पास करा दिया और ऐसा करके लोकतंत्र का मजाक बनाया गया है। इस मुद्दे पर शोर-शराबा होने के बाद लोकसभा को भी 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार का रूख़ बेहद सख़्त रहा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि निलंबित सांसदों को अपने किए पर पछतावा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर सांसद माफ़ी मांगते हैं तो सरकार उनका निलंबन रद्द करने के बारे में सोच सकती है। राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले दिन से ही हंगामा हो रहा है।
अब जब सत्र ख़त्म ही होने वाला है तो माना जा रहा है कि सांसदों का निलंबन इस सत्र में वापस नहीं हो पाएगा।
इससे पहले विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन और लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी के मुद्दे पर बैठक की और रणनीति पर चर्चा की।
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