अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाली एलआईसी के दावे का क्या हुआ? उसको घाटा क्यों हो रहा है? सरकार के उस दावे का क्या हुआ कि अडानी कांड का सरकारी कंपनियों और बैंकों पर असर नहीं पड़ेगा? अडानी की वजह से एलआईसी को अभी और कितना नुक़सान उठाना पड़ सकता है? क्या उसके बाद स्टेट बैंक की भी बारी आने वाली है?
इससे पहले सोमवार की सुबह संसद सत्र शुरु होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के बाहर लगी गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अडानी मुद्दे पर सरकार से जेपीसी की मांग उठाई।
अडानी समूह पर छाए संकट की वजह से एसबीआई सहित तमाम सरकारी बैंकों और एलसीआई को लेकर एक तरफ सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री, पूर्व वित्त सचिव ने शुक्रवार को देश को भरोसा दिया कि चिन्ता की कोई बात नहीं है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के
बाद कांग्रेस पार्टी ने सेबी और आरबीआई से इस मसले का चांज कराने की मांग करते हुए
कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की गंभीर जांच जानी चाहिए।
स्टॉक एक्सचेंज में दी गई जानकारी के मुताबिक अडानी समूह की सात कंपनियों में आज की तारीख में एलआईसी की कुल होल्डिंग्स 74,142 करोड़ रुपए है और यह अडानी समूह के कुल बाजार की कीमत यानी 18.98 लाख करोड़ रुपए का 3.9 फीसद है।