सितंबर 2020 के बाद से 8 तिमाहियों में एलआईसी ने अडानी समूह की सात कंपनियों में से चार में अपनी हिस्सेदारी में तेजी से बढ़ोतरी की है और एक कंपनी में तो यह बढ़ोतरी लगभग 6 गुना है। द इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी समूह की इन कंपनियों में एलआईसी की शेयर होल्डिंग सितंबर 2020 से सितंबर 2022 के बीच किस तरह तेजी से बढ़ी है, आइए जानते हैं।
- फ्लैगशिप अडानी एंटरप्राइज में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 फीसद से कम थी लेकिन अब यह बढ़कर 4.02 फीसद हो गई है।
- अडानी टोटल गैस में भी यह 1 फीसद से कम थी और अब बढ़कर 5.77 फीसद हो गई है।
- अडानी ट्रांसमिशन में एलआईसी की शेयर होल्डिंग 2.42 फीसद से बढ़कर 3.46 फीसद हो गई है।
- अडानी ग्रीन एनर्जी में यह 1 फीसद से कम थी और अब बढ़कर 1.15 फीसद हो गई है।
रिपोर्ट कहती है कि सिर्फ अडानी पोर्ट एक अपवाद है जिसमें एलआईसी की शेयर होल्डिंग 9.61 फीसद पर स्थिर बनी हुई है और दो अन्य फर्म अडानी पावर और अडानी विलमार में यह 1 फीसद से कम है।
10 गुना बढ़ी कीमत
शेयर होल्डिंग और स्टॉक की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी को देखते हुए अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी की शेयर होल्डिंग की कीमत सितंबर 2020 के बाद से 10 गुना बढ़ गई है। तब यह 1.24 फीसद के साथ 7,304 करोड़ थी जबकि अब यह 7.8 फीसद यानी 74,142 करोड़ हो गई है।
अखबार की रिपोर्ट कहती है कि इंश्योरेंस सेक्टर में एलआईसी अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने के मामले में एक नंबर पर है। अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी और म्यूचुअल फंड की होल्डिंग के मूल्य से 5 गुना अधिक है। अखबार की रिपोर्ट कहती है कि पिछले 2 सालों में एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदे हैं और इस ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी लगभग 7 गुना बढ़ा है।
सितंबर 2020 में यह 2.78 लाख करोड़ था और अब यह बढ़कर 18.98 लाख करोड़ हो गया है।
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