मोदी सरकार ने विपक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ज्ञानेश कुमार को केंद्रीय चुनाव आयोग या ईसीआई का नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त कर दिया है। आइये जानते हैं कि राजीव कुमार की जगह लेने वाला यह शख्स कौन है। राजीव कुमार का 18 फरवरी को बतौर सीईसी आखिरी दिन है।
अमेरिका ने 21 मिलियन डॉलर यानी 182 करोड़ रुपये के 'मतदान बढ़ाने' वाले फंड को रद्द किया तो बीजेपी और कांग्रेस आपस में क्यों लड़ रही हैं? जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाए—क्या भारत में वयस्क जनसंख्या से अधिक मतदाता पंजीकृत हो सकते हैं? जानिए पूरी खबर और चुनावी धांधली के दावे।
क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब तलाशी और छापेमारी का दौर शुरू हो गया है? जानिए, आख़िर चुनाव आयोग और पुलिस ने किस आधार पर कार्रवाई की और आप ने क्या आरोप लगाया है।
यमुना के पानी में 'ज़हर' मिलाने का विवाद ही अब इस चुनाव में मुद्दा होगा? जानिए, चुनाव आयोग ने और सबूत मांगे तो अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर ही क्या आरोप लगा दिए।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को धांधली के आरोपों पर सफ़ाई क्यों देनी पड़ी? क्या उन्होंने मोदी सरकार को बचाने के लिए सफ़ाई दी? क्या इस सफ़ाई से शंकाएं ख़त्म हो जाएंगी?
मोदी सरकार ने क्यों किये चुनावी नियमों में बदलाव । बदलाव की क्या है मजबूरी ? क्यों जनता नहीं देख सकती या जाँच कर सकती चुनाव से जुड़े विडियो और तस्वीरें ? क्या चुनाव में धांधली पकड़े जाने का डर था? आशुतोष के साथ चर्चा में ओंकारेश्वर पांडेय, राकेश सिन्हा, अरुण अग्रवाल और रविंद्र श्योराण ।
सीसीटीवी फुटेज को लेकर चुनाव आयोग ने क्यों नियम बदल दिए हैं?आयोग पहले से ही शक के घेरे में है अब इस तरह नियम बदलने से क्या चुनावी धांधली को बढावा नहीं मिलेगा? आज की जनादेश चर्चा।
चुनाव आयोग की साख दांव पर है । सांप्रदायिक प्रचार पर आँखें मूंदे बैठा है । खुलेआम बाटने काटने की बात हो रही है लेकिन कहीं कोई जुंबिश नहीं । क्यों आयोग के हाथ बंध गये हैं और क्यों वो कोई कार्रवाई नहीं करता ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, फ़िरदौस मिर्ज़ा, संदीप सोनवलकर और अफ़रीदा रहमान अली ।
चुनाव आयोग हिमंता बिस्वसरमा, मिथुन चक्रवर्ती और योगी आदित्यानाथ जैसे नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? उन्हें नफ़रती और हिंसक चुनाव अभियान चलाने की छूट क्यों दे रहा है?
4 जून के बाद क्या कुछ बदला है। चुनाव आयोग आज भी जनतंत्र के लिए नहीं काम नहीं कर रहा,वह भाजपा का वफ़ादार सहायक है। पुलिस और प्रशासन भी बदलने को तैयार नहीं। सड़क और शासन की हिंदुत्ववादी हिंसा नहीं थमी है। मशहूर स्तंभकार और चिंतक अपूर्वानंद कुछ सुलगते सवालों के साथ सत्य हिन्दी पर फिर हाजिर हैं। पढ़िए और पढ़वाइएः
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को आरोप लगाया था कि केंद्रीय अमित शाह ने कई राज्यों में डीएम को फोन किए थे। इस पर चुनाव आयोग ने रविवार को सफाई पेश की है। सवाल यह है कि यह सफाई चुनाव आयोग की तरफ से क्यों आई है। जानिएः
क्या चुनाव आयोग आम चुनाव में की जा रही मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए क़दम उठाएगा क्या वह सरकार से कहेगा कि चुनाव तक एजंसियाँ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी इंडिया गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगों पर उसका रुख़ क्या होगा?
केंद्रीय चुनाव आयोग में नया चुनाव आयुक्त चुनने के लिए बुधवार 7 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर बैठक होगी। यह पहली नियुक्ति होगी, जिसे सरकार अपनी मर्जी से नए कानून के मुताबिक करेगी। इसमें भारत के चीफ जस्टिस की कोई भूमिका नहीं होगी। विपक्ष अगर आपत्ति भी करेगा, तो भी चयन समिति में बहुमत सरकार का है। कुल मिलाकर पीएम मोदी की मर्जी का चुनाव आयुक्त चुना जाएगा।
आर्थिक मामलों की खबरें देने वाली वेबसाइट मनी लाइफ डॉट इन ने खबर दी है कि भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी रह चुके सेवानिवृत आएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि ईवीएम बनाने वाली कंपनी के 4 स्वतंत्र निदेशक भाजपा से जुड़े हुए रहे हैं।