चुनाव आयोग की साख दांव पर है । सांप्रदायिक प्रचार पर आँखें मूंदे बैठा है । खुलेआम बाटने काटने की बात हो रही है लेकिन कहीं कोई जुंबिश नहीं । क्यों आयोग के हाथ बंध गये हैं और क्यों वो कोई कार्रवाई नहीं करता ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, फ़िरदौस मिर्ज़ा, संदीप सोनवलकर और अफ़रीदा रहमान अली ।
चुनाव आयोग हिमंता बिस्वसरमा, मिथुन चक्रवर्ती और योगी आदित्यानाथ जैसे नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? उन्हें नफ़रती और हिंसक चुनाव अभियान चलाने की छूट क्यों दे रहा है?
4 जून के बाद क्या कुछ बदला है। चुनाव आयोग आज भी जनतंत्र के लिए नहीं काम नहीं कर रहा,वह भाजपा का वफ़ादार सहायक है। पुलिस और प्रशासन भी बदलने को तैयार नहीं। सड़क और शासन की हिंदुत्ववादी हिंसा नहीं थमी है। मशहूर स्तंभकार और चिंतक अपूर्वानंद कुछ सुलगते सवालों के साथ सत्य हिन्दी पर फिर हाजिर हैं। पढ़िए और पढ़वाइएः
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को आरोप लगाया था कि केंद्रीय अमित शाह ने कई राज्यों में डीएम को फोन किए थे। इस पर चुनाव आयोग ने रविवार को सफाई पेश की है। सवाल यह है कि यह सफाई चुनाव आयोग की तरफ से क्यों आई है। जानिएः
क्या चुनाव आयोग आम चुनाव में की जा रही मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए क़दम उठाएगा क्या वह सरकार से कहेगा कि चुनाव तक एजंसियाँ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी इंडिया गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगों पर उसका रुख़ क्या होगा?
केंद्रीय चुनाव आयोग में नया चुनाव आयुक्त चुनने के लिए बुधवार 7 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर बैठक होगी। यह पहली नियुक्ति होगी, जिसे सरकार अपनी मर्जी से नए कानून के मुताबिक करेगी। इसमें भारत के चीफ जस्टिस की कोई भूमिका नहीं होगी। विपक्ष अगर आपत्ति भी करेगा, तो भी चयन समिति में बहुमत सरकार का है। कुल मिलाकर पीएम मोदी की मर्जी का चुनाव आयुक्त चुना जाएगा।
आर्थिक मामलों की खबरें देने वाली वेबसाइट मनी लाइफ डॉट इन ने खबर दी है कि भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी रह चुके सेवानिवृत आएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि ईवीएम बनाने वाली कंपनी के 4 स्वतंत्र निदेशक भाजपा से जुड़े हुए रहे हैं।
राजस्थान में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर 'पनौती', जेबकतरा जैसे तंज के लिए चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है। जानिए, चुनाव आयोग ने क्या कहा।
चुनाव आयोग का हर सीट पर अलग-अलग रवैया क्यों रहा है? ऐसा क्यों है कि लक्षद्वीप, रामपुर और स्वार में चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जल्दी है, जबकि खतौली और वायनाड सीट पर उसे उपचुनाव की जल्दी नहीं होती है?
चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला मोदी सरकार के लिए कितना बड़ा झटका है? क्या वह इसे चुपचाप कबूल कर लेगी? क्या फ़ैसले को लागू करने में लेट-लतीफ़ करके वह अपना नियंत्रण जारी रखने की कोशिश करेगी? क्या इस फ़ैसले से चुनाव आयोग सरकार के शिकंजे से मुक्त हो जाएगा?
गुजरात चुनाव कैसे लड़ा गया ,कितने मतदाता निकले और इसका क्या सबक मिला ?इसके साथ ही मैनपुरी /रामपुर में क्या हुआ और चुनाव आयोग ने क्या किया ? आज की जनादेश चर्चा
चुनाव आयोग की नियुक्तियों का मामला गर्म हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की फाइल दिखाए सरकार। टी एन शेषन के बाद कैसे कमजोर हुआ चुनाव आयोग? कॉलेजियम सिस्टम से क्या वापस आ जाएगी आयोग की ताकत? आलोक जोशी के साथ उमाकांत लखेड़ा, प्रदीप श्रीवास्तव, विराग गुप्ता और शरत प्रधान।
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग में सीईसी और ईसी की नियुक्ति को लेकर पारदर्शी सिस्टम बनाने पर बहस हुई। अदालत ने मंगलवार को भी सख्त टिप्पणियां कीं। क्या क्या कहा, जानिएः
चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी टिप्पणियां की हैं। जानिए पूरा ब्यौराः