मोदी सरकार ने क्यों किये चुनावी नियमों में बदलाव । बदलाव की क्या है मजबूरी ? क्यों जनता नहीं देख सकती या जाँच कर सकती चुनाव से जुड़े विडियो और तस्वीरें ? क्या चुनाव में धांधली पकड़े जाने का डर था? आशुतोष के साथ चर्चा में ओंकारेश्वर पांडेय, राकेश सिन्हा, अरुण अग्रवाल और रविंद्र श्योराण ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।