हिंडनबर्ग रिसर्च
की रिपोर्ट आने के बाद से विपक्षी दल लगातार हमलावार हैं। विपक्षी कांग्रेस अडानी समूह से जुड़े मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज
देशभर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और जीवन बीमा निगम (LIC) के दफ्तरों के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष का आरोप है
कि सरकार बताए कि एलआईसी ने अडानी समूह में इतना बड़ा निवेश किसके कहने पर किया,
और एसबीआई ने किसके कहने पर इतना बड़ा लोन दिया। दोनों ही संस्थानों पर जनता की
मेहनत की कमाई लगी हुई है। अगर इनको नुकसान होता है तो कौन इसकी भरपाई करेगा।
कांग्रेस इस
मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रही है। राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान
कई बार अडानी समूह के बढ़ने में नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
इससे पहले सोमवार
की सुबह संसद सत्र शुरु होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के बाहर लगी
गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अडानी मुद्दे पर सरकार से जेपीसी की
मांग उठाई।
संसद का बजट सत्र
चालू है लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद से अभी तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
नहीं हो पाई है। विपक्ष की मांग है कि सरकार अडानी समूह पर लगे आरोपों पर चर्चा
करे और जेपीसी का गठन करे।
कांग्रेस की
छात्र इकाई एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने दिल्ली में अडानी
विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और जेपीसी जांच की मांग की। देश के अन्य शहरों में एलआईसी और एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों में कांग्रेस सदस्यों के आने
की तस्वीरें सामने आईं। इसी तरह की तख्तियां लिए पार्टी के सदस्य चेन्नई के जीपी
रोड स्थित एलआईसी दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय, हैदराबाद के एसबीआई कार्यालय में एकत्र हुए हैं।
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