संसद में काम न होने को लेकर पवार ने केवल कांग्रेस को दोषी ठहराने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त विपक्ष की मांग थी। लेकिन इसका समाधान खोजा जाना चाहिए था, और यह विपक्ष के साथ सरकार की भी जिम्मेदारी है।
समिति के सदस्यों के रूप में
ओपी भट, रिटायर्ड जस्टिस जेपी देवदत्त, नंदन नीलाकेनी, केवी
कामथ, सोमशेखरन सुंदरेसन शामिल हैं। सुप्रीम
कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
हिंडन बर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी समूह ने शेयरों में धोखाधड़ी की और बाजार में हेराफेरी का दोषी है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के दावों को खारिज कर दिया था।
इससे पहले सोमवार की सुबह संसद सत्र शुरु होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के बाहर लगी गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अडानी मुद्दे पर सरकार से जेपीसी की मांग उठाई।