बी. आर. डी. मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद चर्चा में रहे डॉ. कफील ख़ान ने अब योगी सरकार के एक फ़ैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जानिए अब मामला क्या है।
राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया है कि गोरखपुर अस्पताल के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान के ख़िलाफ़ पिछले साल दिया गया फिर से विभागीय जाँच का आदेश वापस ले लिया गया है।
कोरोना की वैक्सीन बहुत कम समय में आने से वैक्सीन-संबंधित शंकाओं को बल मिला है। फ़ेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर पर वैक्सीन के बारे में अफ़वाहों, अवैज्ञानिक तर्कों और बेबुनियाद तथ्यों की भरमार है। जानिए, कैसा असर होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के नाम पर आप किसी को भी पकड़कर जेल में डाल दें, यह उचित नहीं। गिरफ़्तार व्यक्ति को साल भर तक न ज़मानत मिले, न ही अदालत उसके बारे में शीघ्र फ़ैसला करे, यह अपने आप में अन्याय है। पढ़ें डॉक्टर वेद प्रताप वैदिक का लेख।
भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर को 12 महीने जेल में रखा गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का बेजा इस्तेमाल। कफ़ील, रासुका और यूपी चुनाव पर चंद्रशेखर से बात की विप्लव अवस्थी ने। Satya Hindi
आखिर डा कफ़ील का गुनाह क्या था ? क्यों योगी सरकार उनके पीछे पड़ी ? जेल छूटने के बाद माँ ने कफ़ील से क्या कहा? आशुतोष ने डा कफ़ील का दर्द पूछा ।Satya Hindi
डॉ. कफ़ील को रिहा करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला इस मायने में अहम है कि इसने योगी सरकार की बदनीयती को एक बार फिर से बेनकाब कर दिया है। पेश है सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अनिल कर्णवाल, पूर्व पुलिस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता एस.आर. दारापुरी और वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह से मुकेश कुमार की बातचीत।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी न्यूज़ बुलेटिन।रिपोर्ट: LAC पर 1000 वर्ग किमी. इलाक़े में चीन का कब्ज़ा।कोर्ट: NSA के तहत कफील की हिरासत 'ग़ैर-क़ानूनी', रिहा करें
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. कफील ख़ान को रिहा करने का आदेश दिया है। सरकार ने उन्हें नागरिक़ता क़ानून के ख़िलाफ़ भाषण देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून यानी एनएसए के तहत जेल में बंद कर दिया था।