इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. कफील ख़ान को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एनएसए के तहत उनकी गिरफ़्तारी ग़ैर-क़ानूनी है और उन्हें रिहा किया जाए। सरकार ने उन्हें नागरिक़ता क़ानून के ख़िलाफ़ भाषण देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून यानी एनएसए के तहत जेल में बंद कर दिया था। क़रीब एक पखवाड़े पहले ही एनएसए के तहत उनकी जेल की अवधि फिर से बढ़ा दी गई थी। लंबे समय से सरकार के इस फ़ैसले को चुनौती दी जा रही थी। सामाजिक कार्यकर्ता भी कफील ख़ान को जेल में बंद करने के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे थे।