डॉक्टर कफ़ील ख़ान ‘हीरो’ थे और आख़िर में भी ‘हीरो’ ही साबित हुए। सरकार ने उन्हें विलेन बनाया था और अब सरकार की ही रिपोर्ट में बेदाग़ बताए गए। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से जब बच्चे मर रहे थे तब कफ़ील एक हीरो के रूप में बच्चों की जान बचाने में जुटे थे। 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत हुई तो डॉक्टर कफ़ील ख़ान पर कई आरोप लगाए गए। लापरवाही बरतने, भ्रष्टाचार करने सहित कई आरोपों में उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था और बाद में गिरफ़्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया था। लेकिन अब इसी सरकार को उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिले, बल्कि रिकॉर्ड तो ये मिले कि वह बच्चों की जान बचाने में ‘जी-जान’ से जुटे थे। ऐसे में बिना किसी सबूत के कफ़ील पर ये आरोप क्यों लगाए गए थे? एक सवाल यह भी है कि इन बच्चों की मौतों का विलेन कौन है?
कफ़ील तो हीरो निकले, गोरखपुर में बच्चों की मौत का विलेन कौन?
- उत्तर प्रदेश
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- 28 Sep, 2019
डॉक्टर कफ़ील ख़ान ‘हीरो’ थे और आख़िर में भी ‘हीरो’ ही साबित हुए। सरकार ने उन्हें विलेन बनाया था और अब सरकार की ही रिपोर्ट में बेदाग़ बताए गए। इस घटना का विलेन कौन है?
