कई महीनों के बाद जब मंगलवार रात को डॉ. कफ़ील खान मथुरा की जेल से निकलकर बाहर आए तो उन्होंने कहा कि एक वक़्त ऐसा भी आया जब जेल में उन्हें 5 दिन तक बिना खाना और बिना पानी दिए रखा गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को डॉ. कफील ख़ान को रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत डॉ. कफील की गिरफ़्तारी ग़ैर-क़ानूनी है और उन्हें रिहा किया जाए। डॉ. कफ़ील की जेल से रिहाई को लेकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लगातार आवाज़ बुलंद की जा रही थी।
यूपी एसटीएफ़ का शुक्रगुजार हूं, जिसने मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं: डॉ. कफ़ील
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Mar, 2025
कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत डॉ. कफील की गिरफ़्तारी ग़ैर-क़ानूनी है और उन्हें रिहा किया जाए।

मथुरा जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. कफ़ील ने कहा, ‘मैं उन 138 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद कहूंगा, जिन्होंने इस संघर्ष में मेरा साथ दिया है। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने अच्छा ऑर्डर दिया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झूठा, बिना आधार के और बिना बात के एक केस बनाया और मुझे 8 महीने तक इस जेल में रखा।’