पूर्वी लद्दाख के गलवान में साढ़े चार साल पहले चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी और इस वजह से झड़प हुई थी। तब से एलएसी पर दोनों की पेट्रोलिंग नहीं हो पा रही थी। जानिए, अब इसको लेकर क्या बड़ी घोषणा की गई है।
पिछले साल नवंबर में जब प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के हाथ मिलाने की तस्वीर सामने आई थी तो सवाल उठा था कि आख़िर दोनों नेताओं के बीच बातचीत क्या हुई? जानिए अब क्या जवाब दिया गया।
भारत-चीन ने बुधवार को फिर बातचीत की। भारत ने अपना दूत बीजिंग भेजा था। दोनों ओर से बयान भी जारी हुए। लद्दाख बॉर्डर पर बने गतिरोध को लेकर कोई सफलता नहीं मिली। अलबत्ता दोनों पक्ष 18वें दौर की सैन्य बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं।
चीन की सेना के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि चीन की आक्रामकता के ख़िलाफ़ दृढ़ता से खड़ा रहा जाए और वास्तविक स्थिति को देश को बताया जाए।
भारत और चीन के सैनिकों की बीच हुई मुठभेड़ और उसके कारण हताहतों की ख़बर ने देश के कान खड़े कर दिए। इस मुठभेड़ में 20 भारतीय फ़ौजी मारे गए और माना जा रहा है कि चीन के चार या पाँच फ़ौजी मारे गए।
लद्दाख की गलवान घाटी में तीन भारतीय जवानों के शहीद होने पर देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सोशल मीडिया पर नेताओं और लोगों ने शहीदों को नमन किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार को सफ़ाई देने को कहा है।