विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फ़ोन पर बात की है और सोमवार को हुई झड़प के लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस बातचीत में साफ़ शब्दों में कहा कि चीनी सैनिकों ने पूर्व नियोजित तरीके से भारतीय सैनिकों पर हमला किया है।
भारत का रुख कड़ा
भारतीय विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से दो टूक शब्दों में कहा,
“
'चीनी सैनिकों ने पूर्व नियोजित कार्रवाई की जो सीधे तौर पर लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प का कारण बनी।'
एस. जयशंकर, विदेश मंत्री, भारत
इस मुद्दे पर भारत ने अपना रवैया कड़ा कर लिया है, यह विदेश मंत्री स्तर पर होने वाली बातचीत और उसके तेवर से साफ है। जयशंकर ने कहा, 'इस घटना से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा, चीन को अपनी कार्रवाई का पुनर्मूल्यांकन करने और उसे ठीक करने के लिए ज़रूरी कदम उठाने की ज़रूरत है।'
'वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान हो'
जयशंकर ने यह भी कहा कि सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का दृढ़तापूर्वक सम्मान करना चाहिए और इसे बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि स्थिति को ज़िम्मेदाराना तरीके से संभाला जाए और कोई पक्ष एकतरफा कार्रवाई न करे।
क्या कहना है चीन का?
एनडीटीवी ने एक ख़बर में चीनी विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि दोनों देशों ने जल्द से जल्द निष्पक्ष तरीके से सीमा विवाद सुलझाने और तनाव कम करने पर सहमति जताई है।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत से कहा है कि वह संघर्ष के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करे और अग्रिम पंक्ति में तैनात अपने सैनिकों को नियंत्रित करे।
इसके पहले बुधवार की सुबह चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भी लगभग यही बात कही थी। उन्होंने कहा था, 'चीन भारत से आग्रह करता है कि वह अग्रिम पंक्ति के अपने सैनिकों को संयम में रखे, ग़ैरक़ानूनी तरीके से सीमा पार न करे।'
सोमवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। समाचार एजेन्सी एएनआई के मुताबिक, 43 चीनी सैनिक भी इस कार्रवाई में मारे गए। झड़प के दौरान पत्थरों, धातु के टुकड़ों का इस्तेमाल दोनों ओर से किया गया, लेकिन गोली नहीं चली है।
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