केंद्र सरकार ने शनिवार शाम को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल सस्ता हो सकता है। बढ़ती महंगाई की वजह से सरकार जनता की आलोचना का सामना कर रही है।
पेट्रोल डीजल के टैक्स पर विपक्षी शासित राज्यों को छेड़ने के बाद पीएम मोदी पर अब चारों तरफ से तमाम आंकड़ों के साथ हमले हो रहे हैं। आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन ने हमला किया। पीएम के बचाव में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी मैदान में उतरे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से वैट की दर में कमी करने की अपील की है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्र की वसूली कितनी है और राज्यों की कितनी?
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी से कड़े सवाल किए। कांग्रेस ने कहा केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए जो 27 लाख करोड़ कमाए हैं, उसका पहले हिसाब दे। उद्धव ठाकरे के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी हमला बोला है। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता ने इसे विपक्ष का पाखंड बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने का आग्रह किया है। इस बहाने उन्होंने यह जताने की कोशिश की है कि महंगा पेट्रोल-डीजल क्यों मिल रहा है। तेल की कीमतें तेल कंपनियां तय करती हैं। केंद्र और राज्य उस पर अपना टैक्स लगाते हैं। केंद्र अपना टैक्स कम करने को तैयार नहीं लेकिन वो राज्यों से टैक्स कम करने को कह रही है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईऱानी ने दिल्ली से गुवाहाटी जा रही फ्लाइट में महंगाई पर सवालों का सामना किया और वो ठोस जवाब नहीं दे सकीं। बचाव में उनके तर्क अजीबोगरीब थे। महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने इस पूरी बातचीत का वीडियो बनाकर ट्विटर पर पोस्ट कर दिया।
अगर आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इसी तरह बढ़ती रही तो निश्चित रूप से इसकी मार आम जनता पर पड़ेगी और पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों की परेशानियों में और इजाफा होगा।
इंडस्ट्री में इस्तेमाल के लिए बेचे जाने वाले डीजल और रिटेल में बिकने वाले डीजल में 25 रुपये का अंतर रह गया है। यानी उद्योगों के लिए डीजल का रेट 115 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। इसका भी असर महंगाई पर पड़ेगा।