आज़ाद मीडिया पर जिस तरह कार्रवाई की जा रही है, क्या वह देश के लिए ख़तरा है? क्या यह किसी राष्ट्र को किसी बड़े खतरे में पड़ने से रोकने वाली एक अहम कड़ी नहीं होती है?
अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए भारत के प्रधानमंत्री मोदी के सामने क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत में प्रेस की आज़ादी का मुद्दा उठा पाएँगे? जानें मीडिया संघ ने क्या आह्वान किया।
मीडिया की स्वतंत्रता के बिना क्या किसी भी देश में लोकतंत्र की कल्पना की जा सकती है? यदि वह लोकतंत्र कहा भी जाए तो क्या उसकी जीवंतता बनी रह सकती है? जानिए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा।
मोहम्मद जुबैर के मामले में जर्मनी ने कहा है कि वो इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है। जर्मनी ने यह भी साफ कर दिया है कि वो लिखने-बोलने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ है। जानिए पूरी बात।
कोरोना संकट के दौर में मीडिया की भूमिका कैसी है? मीडिया क्या वाजिब सवाल उठा रहा है? दुनिया के एक सौ अस्सी देशों में प्रेस की आज़ादी को लेकर हाल ही में जारी रैंकिंग में भारत 142वें क्रम पर पहुँच गया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने दिल्ली पुलिस द्वारा अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के स्पेशल कॉरेस्पोन्डेन्ट महेंद्र सिंह मनराल को धमकाने की कड़ी आलोचना की है।
महाराष्ट्र में क्या प्रेस की आज़ादी पर कुठाराघात हो रहा है? क्या मीडिया कर्मियों पर उद्धव ठाकरे सरकार नाजायज दबाव डाल रही है? या क्या लोगों की सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति पर भी पहरा लगा दिया गया है?