महाराष्ट्र में क्या प्रेस की आज़ादी पर कुठाराघात हो रहा है? क्या मीडिया कर्मियों पर उद्धव ठाकरे सरकार नाजायज दबाव डाल रही है? या क्या लोगों की सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति पर भी पहरा लगा दिया गया है? ये सारे सवाल एकाएक उस समय चर्चा में आ गए जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस आशय का एक ज्ञापन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा और उनसे माँग की कि वे राज्य सरकार को इस बारे में निर्देश दें। फडणवीस के इस ज्ञापन के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं की तरफ़ से ही नहीं, मीडिया कर्मियों की भी बयानबाज़ी शुरू हो गयी।