महाराष्ट्र में दो लड़ाइयाँ चल रही हैं, एक कोरोना के ख़िलाफ़ और एक राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद जिस तरह से प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना और राष्ट्रपति शासन तक लग गया था उसी स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए सत्ताधारी गठबंधन कोई कसर नहीं छोड़ रहा। सोमवार को राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में एक बार फिर राज्यपाल से अपील की गयी है कि वह तत्काल उद्धव ठाकरे को विधायक मनोनीत करें और प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता दूर करें।
राज्यपाल विधायक मनोनीत नहीं भी करें तो ठाकरे को क़ुर्सी से क्या हटा पाएगी बीजेपी?
- महाराष्ट्र
- |
- |
- 28 Apr, 2020

महाराष्ट्र में दो लड़ाईयाँ चल रही हैं, एक कोरोना के ख़िलाफ़ और एक राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए। मंत्रिमंडल ने उद्धव ठाकरे को विधायक मनोनीत करने का जो प्रस्ताव भेजा है, उसे राज्यपाल नहीं मानें तो क्या होगा?
9 अप्रैल को भी मंत्रिमंडल की तरफ़ से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक प्रस्ताव भेजा गया था कि प्रदेश में विधान परिषद की 9 सीटों के चुनाव पर कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने रोक लगा रखी है, लिहाज़ा उन्हें राज्यपाल द्वारा मनोनीत की जाने वाली दो सीटों के कोटे से विधायक मनोनीत कर दिया जाए। राज्यपाल कोटे से कला और सामाजिक क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले लोगों का मनोनयन होता है।