इस साल 8 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घोषणा की थी कि कोरोना वायरस मामलों में गिरावट के बीच नियमित विदेशी उड़ानें फिर से शुरू होंगी। जानिए, क्या थी वैकल्पिक व्यवस्था।
कोरोना लॉकडाउन लगने के दो साल बाद क्या अर्थव्यवस्था पटरी पर आई? बेरोजगारी और कमाई की कमी से जूझते लोगों के सामने अब महंगाई का ख़तरा और क्यों बढ़ रहा है?
कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका के बीच राज्य लॉकडाउन में ढील देते जा रहे हैं और बाज़ारों में भीड़ बढ़ती जा रही है। ऐसे में संक्रमण फैलने से कैसे रुकेगा? इसके लिए केंद्र सरकार ने क्या रणनीति तैयार की है?
सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने लिए खास परमिशन ले आए कि लॉकडाउन न लगाना पड़े। लेकिन हारकर आख़िरकार उन्हें भी लॉकडाउन ही आख़िरी रास्ता दिखता है, कोरोना के बढ़ते कहर को थामने का। महाराष्ट्र ने कड़ाई बरती तो फायदा भी दिख रहा है।
देश में कोरोना क्या नियंत्रित है? यदि ऐसा हो तो कई राज्यों में संक्रमण के केस क्यों बढ़ने लगे हैं। नये क़िस्म के कोरोना आ चुके हैं। महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में तो लॉकडाउन भी लगाना पड़ा है।
मुंबई की 'लाइफ़ लाइन' कही जाने वाली लोकल ट्रेनें एक फ़रवरी से शुरू हो जाएँगी। पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण फैलने के दौरान लॉकडाउन में ट्रेनें बंद की गईं।
कोरोना लॉकडाउन के वक़्त तो कामगार बुरी तरह प्रभावित हुए थे, लेकिन अब उनपर कैसा असर है और क्या उनकी हालत अब सुधर रही है? जानिए, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के ताज़ा सर्वे में क्या पता चलता है।
पूरे इंग्लैंड में फिर से लॉकडाउन लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। बुधवार से यह लागू हो जाएगा और फ़रवरी के मध्य तक रहेगा।
प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा नहीं होने की बात कहने के लिए विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बाद सरकार ने अब सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि ऐसा आँकड़ा जुटाने के लिए ज़िलों में कोई मैकनिज़्म यानी तंत्र नहीं है।
क्या लॉकडाउन में अपने घर वापस जाने के दौरान मारे गए प्रवासी मज़दूरों के परिवार वालों को हर्जाना दिया गया है? केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा ही नहीं है तो हर्जाना देने का सवाल ही नहीं उठता है।
कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर यह हुआ कि अर्थव्यवस्था मई से जस की तस ठहरी हुई है। अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले 16 में से 14 इंडीकेटर दिखा रहे हैं कि हालत बदतर है।