पूरे इंग्लैंड में फिर से लॉकडाउन लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। बुधवार से यह लागू हो जाएगा और फ़रवरी के मध्य तक रहेगा। 'एएफ़पी' की रिपोर्ट के अनुसार, इस लॉकडाउन में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल भी बंद रहेंगे। ब्रिटेन में इस सख़्त क़दम को तब उठाया गया है जब कोरोना संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा आने लगे हैं। ब्रिटेन में नये स्ट्रेन यानी नये क़िस्म का कोरोना संक्रमण पाया गया है। यह 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। यह वही नये क़िस्म का कोरोना संक्रमण है जो भारत में भी फैलने लगा है। अब तक कम से कम 38 ऐसे मामले भारत में भी आ चुके हैं। इससे यह आशंका होती है कि कहीं भारत में स्थिति न बिगड़ जाए! इसलिए देश में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
ब्रिटेन में लॉकडाउन का यह फ़ैसला तब लिया गया है जब वहाँ टीकाकरण अभियान जोरशोर से चलाया जा रहा है।
हालाँकि इंग्लैंड में लॉकडाउन पहले से ही था, लेकिन आंशिक रूप से। यानी सभी जगहों पर नहीं था। नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण मिलने के बाद कई क्षेत्रों में लॉकडाउन बढ़ाया गया था। इससे पहले कोरोना की जब दूसरी लहर आई थी तब भी आंशिक लॉकडाउन लगाया गया था। फ़िलहाल पूरे देश के दो-तिहाई हिस्से में लॉकडाउन था जो अब पूरे देश में हो जाएगा।
ये जो नये लॉकडाउन की घोषणा की गई है वह बिल्कुल उस तरह का है जैसा पिछले साल मार्च से जून तक तीन महीने के लिए तब लगाया गया था जब संक्रमण तेज़ी से फैल रहा था।
लॉकडाउन में स्कूल बंद रहेंगे, जहाँ तक संभव हो घर से ही काम किया जाएगा, घर से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी और ज़रूरी सामानों की खरीदारी, मेडिकल सप्लाई व कसरत करने की छूट रहेगी।
बोरिस जॉनसन की घोषणा से कुछ समय पहले, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के चार मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने कहा है कि देश कोरोना संक्रमण के उच्चतर स्तर पाँच में चला गया। इसका मतलब है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो 21 दिनों के भीतर राज्य में चलने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ख़तरे में पड़ जाएगी।
ब्रिटेन में हाल के दिनों में हर रोज़ 50 हज़ार से ज़्यादा नये संक्रमण के मामले आ रहे हैं। सोमवार को देश में क़रीब 58 हज़ार, इससे पहले रविवार को क़रीब 55 हज़ार, शनिवार को 57 हज़ार संक्रमण के मामले आए थे। ब्रिटेन से ज़्यादा अमेरिका में ही हर रोज़ संक्रमण के मामले ज़्यादा आ रहे हैं। एक दिन पहले वहाँ 1 लाख 90 हज़ार संक्रमण के मामले आए। इंग्लैंड में अब तक 27 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 75 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं।
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