ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट में छत गिरने से 25 लोगों से ज़्यादा की मौत हो गई और लगभग सौ लोग बुरी तरह से घायल हो गए। यह छत कोई 100-150 साल पुरानी नहीं थी। यह अंग्रेज़ों की बनाई हुई नहीं थी। इसे बने हुए अभी सिर्फ़ दो महीने हुए थे। यह नई छत थी, कोई पुराना पुल नहीं, जिस पर बहुत भारी टैंक चले हों और जिनके कारण वह बैठ गई हो। इतने लोगों का मरना, एक साथ मरना और श्मशान घाट में मरना मेरी याद में यह ऐसी पहली दुर्घटना है। सारी दुनिया में शवों को श्मशान या कब्रिस्तान ले जाया जाता है लेकिन मुरादनगर के श्मशान से ये शव घर लाए गए।
मुरादनगर श्मशान घाट में छत ढही और इज्जत भी
- विचार
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- 5 Jan, 2021

छत बनानेवाले ठेकेदार, इंजीनियर तथा ज़िम्मेदार नेता को कम से कम दस-दस साल की सजा हो, उनकी निजी संपत्तियाँ जब्त की जाएँ, उनसे इस्तीफ़े लिए जाएँ, उनकी भविष्य निधि और पेंशन रोक ली जाए। उन्हें दिल्ली की सड़कों पर कोड़े लगवाए जाएँ ताकि सारा भारत और पड़ोसी देश भी देखें कि लालच में फंसे भ्रष्ट अफसरों, नेताओं और ठेकेदारों के साथ यह राष्ट्रवादी सरकार कैसे पेश आती है।