यदि आपको मौक़ा मिले तो आप लॉकडाउन पसंद करेंगे या हर घंटे पाँच रुपये देना? चौंकिए नहीं, लॉकडाउन से बचने के लिए यह तरकीब प्रशासन ने ही निकाली है। महाराष्ट्र के नाशिक शहर प्रशासन का यह मामला है। प्रशासन का मानना है कि कोरोना संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए भीड़ नहीं हो इसके लिए लॉकडाउन लगाया जाता है, लेकिन यदि भीड़ कम करने के दूसरे तरीक़े अपनाए जाएँ तो बेहतर होगा।
यही सोच के साथ नाशिक प्रशासन ने लोगों से बाज़ार में निकलने के लिए शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। शहर को लॉकडाउन का ऐसा डर इसलिए है कि महाराष्ट्र में काफ़ी तेज़ी से संक्रमण बढ़ा है और इसको रोकने के लिए ज़िले और शहर के स्तर पर लॉकडाउन लगाया जा रहा है।
अब तक कई ज़िलों और शहरों में काफ़ी सख्ती की गई है। महाराष्ट्र ही देश में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है। 30 जनवरी को महाराष्ट्र में 27 हज़ार से ज़्यादा कोरोना के नये मामले सामने आए। रविवार को राज्य में एक दिन में 40 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए थे। सोमवार को 31 हज़ार से ज़्यादा मामले आए। क़रीब हफ़्ते भर से राज्य में हर रोज़ 30 हज़ार से ज़्यादा मामले आ रहे हैं। इस बीच राज्य में 28 मार्च से ही रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। सार्वजनिक सभाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब लॉकडाउन लगाए जाने की चर्चा भी चल रही है।
लॉकडाउन की इसी आशंका के मद्देनज़र नासिक शहर प्रशासन ने ऐसा फ़ैसला लिया। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, नासिक शहर के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा, 'हम नासिक में फैले कोरोना को रोकने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हम बाज़ार में प्रवेश करने के लिए प्रति व्यक्ति 5 रुपये का टिकट एक घंटे के लिए जारी कर रहे हैं। यह शहर को लॉकडाउन से बचाने का प्रयास है।'
ऐसा फ़ैसला तब लिया गया है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब लॉकडाउन की तैयारी करें।
हालाँकि, लॉकडाउन का विरोध भी हो रहा है। बीजेपी से ही नहीं, उद्धव सरकार के गठबंधन के सहयोगी दल एनसीपी से भी। एनसीपी नेता नवाब मलिक का कहना है कि लॉकडाउन से लोगों की नौकरियाँ जाएँगी और अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। बीजेपी ने तो विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'अधिकांश कैबिनेट सदस्य लॉकडाउन के ख़िलाफ़ हैं। पहले लॉकडाउन में लोगों को बड़ी संख्या में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई।'
एनसीपी के मलिक ने कहा कि दूसरे लॉकडाउन के बजाय स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, टीकाकरण को बढ़ावा देने और कोविड नियमों को लागू करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'निगरानी बहुत ख़राब है। परिणामस्वरूप, लोग बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं। वार्ड अधिकारियों पर ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए।'
शिवसेना सांसद और पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्होंने ठाकरे से बात की थी और सुझाव दिया था कि लॉकडाउन के बजाय और सख्त अंकुश लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन अर्थव्यवस्था के लिए नुक़सानदेह हो सकता है। राउत ने कहा, 'मैं पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूँ। श्रमिक वर्ग, व्यवसाय और आर्थिक चक्र प्रभावित होंगे। मैंने सीएम से बात की और वह भी उसी दृष्टिकोण के पक्ष में हैं।'
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