उत्तराखंड में 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे कुंभ मेले से पहले राज्य सरकार ने 12 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। इन राज्यों में महाराष्ट्र का नाम भी शामिल है, जहां कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है।
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से रोड, हवाई या ट्रेन यात्रा कर उत्तराखंड में आने वाले लोग नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट साथ लेकर आएं और यह रिपोर्ट राज्य की सीमा में प्रवेश से 72 घंटे पहले की होनी चाहिए।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के प्रशासन को आदेश दिया है कि वे एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों और दूसरे राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर टेस्टिंग का काम शुरू करें। ये सभी व्यवस्थाएं व नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे।
सरकार ने कहा है कि 65 साल से ज़्यादा की उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और ऐसे लोग जिन्हें दो से ज्यादा बीमारियां हों, को सलाह दी जाती है कि वे अति आवश्यक परिस्थितियों में ही राज्य में आएं या सफर करें।
हाल ही में मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने पहले कुंभ को लेकर कुछ पाबंदियों को हटाने का एलान किया था लेकिन शायद अब उन्हें समझ आ रहा है कि उनका यह एलान ग़लत था और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख़्त नियम लागू करने ही होंगे।
संक्रमण के मामलों में तेज़ी
इस समय पूरे देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बीते कई दिनों से संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 50 हज़ार से ज़्यादा है और एक दिन तो यह 68 हज़ार तक पहुंच गया था। इनमें से भी कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पिछले एक पखवाड़े में संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल देखने को मिला है।
हरिद्वार में एक अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हो रहा है। इसके अलावा स्थानीय मेलों का भी आयोजन होना है। इनमें बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे देखते हुए ही राज्य सरकार ने बाहर से आने वाले यात्रियों पर सख्ती की है।
हाई कोर्ट ने भी चेताया था
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी बीते सप्ताह दिए एक अहम फ़ैसले में कहा था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ के मेले में आने वालों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा। बीते दिनों में कोरोना के मामलों में आए बेतहाशा उछाल को देखते हुए हाई कोर्ट ने यह फ़ैसला दिया था।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह कुंभ को लेकर तय किए गए नियमों को सख़्ती से लागू कराए और ऐसा नहीं होना चाहिए कि हरिद्वार का कुंभ मेला कोरोना के फैलने की जगह बन जाए। अदालत ने कहा था कि कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट के बिना किसी को भी हरिद्वार और ऋषिकेश कुंभ के मेले में नहीं आने दिया जाना चाहिए।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सभी घाटों के एंट्री प्वाइंट्स पर ऐसे लोग तैनात किए जाएं जो मेले में आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग करें और इस बात को सुनिश्चित करें कि सभी ने मास्क पहना हो।
अदालत के सख़्त रूख़ को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अदालत से वादा किया था कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सख़्ती से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार इसे सुनिश्चित करेगी कि कुंभ मेले में आने वाले लोगों को 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।
त्रिवेंद्र ने किया था विरोध
तीरथ सिंह रावत द्वारा महामारी नियंत्रण के नियमों में ढील का पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ने पर ध्यान दिलाया था और कहा था कि संक्रमण को रोकने के लिए कड़े उपाय ज़रूरी हैं।
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