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कोरोना: कुछ ज़िलों में लॉकडाउन तो क्या राज्यों में भी लगेगा?

देश में कोरोना क्या नियंत्रित है? यदि ऐसा है तो कई राज्यों में संक्रमण के केस क्यों बढ़ने लगे हैं। देश में सक्रिय कोरोना के मामलों में 24 घंटे में 4,421 की वृद्धि हुई। 17 दिनों में पहली बार है कि सक्रिए मामलों की संख्या 1.5 लाख पार कर गई है। नये क़िस्म के कोरोना के मामले आ चुके हैं। महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में तो लॉकडाउन भी लगाना पड़ा है। केरल में संक्रमण कम नहीं हो रहा है। कर्नाटक ने केरल से प्रवेश करने वाले 13 मार्गों को बंद कर दिया है। महाराष्ट्र से कर्नाटक में जाने वाले लोगों को कोरोना रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने पाँच राज्यों को पत्र लिखा है। उससे भी बड़ा डर यह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने आशंका जताई है कि कोरोना की दूसरी लहर दस्तक दे सकती है।
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आख़िर ये क्या संकेत देते हैं? क़रीब दो हफ़्ते पहले तक पूरे देश में स्थिति सुधरती दिख रही थी। लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र और केरल की स्थिति वैसी नहीं रही। अब कर्नाटक सरकार ने जिस तरह के फ़ैसले लिए हैं उससे लगता है कि कर्नाटक में भी स्थिति अब उतनी बेहतर नहीं रही। राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद कर्नाटक ने महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों और वाहनचालकों के लिए पाबंदी लगाई है। सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के बाद कोल्हापुर बॉर्डर और नांदेड़ बॉर्डर पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। वाहनचालकों को कोरोना रिपोर्ट देखकर छोड़ा जा रहा है। 72 घंटे तक की कोरोना रिपोर्ट जिनके पास नहीं है उन्हें एंट्री नहीं दी जा रही है।

कर्नाटक में 13 प्रवेश मार्ग बंद

कर्नाटक ने केरल से आने वाले 13 प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया है। दोनों राज्यों की सीमाई क्षेत्रों में लोग बेरोक-टोक आते जाते रहे हैं, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के फैलने के ख़तरे के बाद लिए गए इस फ़ैसले से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। 

बता दें कि कर्नाटक में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। रविवार को 413 नये मामले आए और दो लोगों की मौत हो गई। राज्य में अब सक्रिए केसों की संख्या 6000 से ज़्यादा हो गई है। 

कर्नाटक में अब तक क़रीब 9 लाख 48 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं और 12 हज़ार लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र और केरल में दूसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए कर्नाटक में भी सावधानियाँ बरती जाने लगी हैं। सख़्त निगरानी रखी जा रही है।

बेंगलुरु में लॉकडाउन लगेगा?

बेंगलुरु और कर्नाटक के दूसरे हिस्से में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आयुक्त एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा है कि यदि लोगों ने सावधानियाँ नहीं बरतीं तो मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बेंगलुरु में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। उन्होंने डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और दूसरे स्टाफ़ के साथ बैठक में कहा कि सख़्ती से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराना होगा। 

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महाराष्ट्र में लॉकडाउन की चेतावनी!

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार से राज्य में भीड़-भाड़ वाले सारे राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाने की घोषणा पहले ही कर दी है। उन्होंने कहा कि हालात नहीं संभले तो राज्य में फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। रविवार देर शाम को उद्धव ठाकरे ने पूरे राज्य के लोगों को 8-15 दिनों तक सतर्क रहने को कहा है। मुम्बई सहित पूरे राज्यभर में कई ज़िलों में कोरोना मरीज़ों का ग्राफ़ लगातार हर रोज बढ़ता जा रहा है।

अमरावती में लॉकडाउन

महाराष्ट्र के अमरावती और अचलपुर में आज से ही संपूर्ण लॉकडाउन है। लॉकडाउन रात 8 बजे से 1 मार्च सुबह 8 बजे तक लागू रहेगा। अकोला, अकोट और मुर्तिजापुर में कल सुबह 6 बजे से 1 मार्च की सुबह 6 बजे तक संपूर्ण लॉकडाउन लग जाएगा। पुणे और नासिक में रात में पाबंदियाँ लगाई गई हैं। पुणे में 28 फ़रवरी तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का एलान भी किया गया है। नासिक में सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने पाए जाने पर हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। यवतमाल में भी सख़्ती की गई है। 

नये क़िस्म के कोरोना से लेकर कोरोना टेस्ट बढ़ाने तक के मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने पाँच राज्यों को पत्र लिखा है।

'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्र ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बहु-आयामी रणनीति को लागू करने की बात कही है। शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने जिन राज्यों को पत्र लिखा है उनमें केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हैं। सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भी चिंता का कारण बनकर उभरा है और अधिकारी इस मामले में इस केंद्र शासित प्रदेश को पत्र लिख सकते हैं।

बता दें कि भारत में कोरोना बढ़ता दिख रहा है। यह चिंता ऐसे समय में उभरी है जब देश में और विश्व स्तर पर महामारी धीमी होती दिखाई दे रही है। भारत में पिछले 24 घंटों में 13,919 से अधिक मामले आए हैं। 

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जिस तरह से केरल, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में संक्रमण के मामले अभी तेज़ी से बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि देश में हर्ड इम्युनिटी की स्थिति नहीं आई है। हर्ड इम्युनिटी से मतलब है कि इतनी बड़ी जनसंख्या में कोरोना के ख़िलाफ़ एंटी बॉडी बन जाना कि फिर कोरोना के फैलने का ख़तरा ही नहीं रहे। सामान्य तौर पर माना जाता है कि यदि किसी देश की जनसंख्या में 60-70 फ़ीसदी लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाए तो फिर कोरोना फैल नहीं पाएगा। कई शहरों में कराए गए सीरो सर्वे की रिपोर्टों में कहा गया है कि देश में 50-55 फ़ीसदी लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो चुकी है। हर्ड इम्युनिटी विकसित करने में कोरोना वैक्सीन भी सहायक हो सकती है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन लगाने में समय लगेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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