Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । सरकार से सीधे टक्कर लेने में डरता है सुप्रीम कोर्ट: सीनियर एडवोकेट दवे । दवे : HC में विधेश विचारधारा के जज भेजे जा रहे हैं, ख़तरनाक है
सरकार और सुप्रीम कोर्ट में घमासान जारी । क़ानून मंत्री का हमला जारी । कहाँ जज कोई चुन कर आते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने भी जजों की फ़ाइल पब्लिक की ? क्या इससे सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को सरकार जानबूझकर गिरा रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में दिनेश द्विवेदी, राकेश सिन्हा, गौतम लाहिड़ी, सरीम नावेद और महमूद आबिदी ।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कर्नाटक: कांग्रेस आई तो देगी हर परिवार की महिला को 2000 रुपये । कर्नाटक: प्रियंका बोलीं- वोट देने से पहले पिछले सालों की स्थिति का आकलन कीजिए
निश्चित रूप से इन आंकड़ों के सामने आने के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों को नियुक्त करने वाली कॉलिजियम व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े होंगे क्योंकि इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अल्पसंख्यक समुदाय की भागीदारी लगभग नगण्य है।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच जंग चल रही है । क़ानून मंत्री अदालत पर जमकर हमले बोल रहे हैं । कभी कोलेजियम के बहाने तो कभी पेंडिंग केसेस को लेकर । यहाँ तक कहा गया कि जजों की नियुक्ति में राजनीति होती है । कोर्ट ने सरकार को आगाह किया है । अब सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की साख को ख़त्म कर रही है । क्या सरकार ऐसा कर रही है ?
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि कॉलिजियम सिस्टम बहुत अच्छा है और उनकी भी इसे लेकर कुछ चिंताएं हैं लेकिन सरकार जिस तरह अदालती प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश कर रही है, उससे वह ज्यादा चिंतित हैं।
उच्च न्यायपालिका में खाली पदों का मुद्दा आख़िर क्यों लटका है? क्या वजह पता है? और यदि ऐसा है तो इसका समाधान क्यों नहीं हो रहा है? जानिए, क़ानून मंत्री क्या कहते हैं।
केंद्र सरकार ने इन 10 नामों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और इनसे जुड़ी फाइलों को 25 नवंबर को ही वापस भेज दिया था। कॉलिजियम को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच बीते कुछ दिनों में एक बार फिर विवाद शुरू हुआ है।
जजों की नियुक्ति पर बवाल । क़ानून मंत्री के लगातार बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने चुप्पी तोड़ी । कहाँ ऊँचे पदों पर बैठे लोगों को ऐसा नहीं कहना चाहिये । सरकार और कोर्ट में बवाल क्यों ? आशुतोष के साथ चर्चा विनोद शर्मा, आशीष खेतान, विराज गुप्ता, फ़िरदौस मिर्ज़ा और अशोक बागड़िया ।
सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री किरण रिजिजु के बयान से ख़फ़ा क्यों है उसने क्यों कहा कि सरकार उसके द्वारा सुझाई गई नियुक्तियों को हरी झंडी नहीं दे रही क्या सरकार कॉलेजियम सिस्टम को दरकिनार करके नियुक्तियों का अधिकार अपने हाथों में लेना चाहती है क्या नियुक्तियों के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच ठन गई है
कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट के कॉलिजियम सिस्टम पर अटैक कर रहे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू की सभी टिप्पणियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 28 नवंबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार को कॉलिजियम सिस्टम को मानना ही होगा। अदालत ने और क्या कहा, जानिएः
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं है और जवाबदेह भी नहीं है। कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर देश के नए सीजेआई ने क्या कहा है?