केंद्रीय कानून मंत्रालय ने कानून और न्याय से संबंधित संसद की एक स्थायी समिति को बताया है कि पिछले 5 साल में भारत के सभी हाई कोर्ट में जितने जजों की नियुक्ति हुई है, उसमें से 79 फीसद जज ऊंची जाति या सामान्य वर्ग के थे।
5 साल में HC में 79 फीसद जज ऊंची जाति के बने, SC-अल्पसंख्यक 2-2 फीसद
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- 10 Jan, 2023
निश्चित रूप से इन आंकड़ों के सामने आने के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों को नियुक्त करने वाली कॉलिजियम व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े होंगे क्योंकि इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अल्पसंख्यक समुदाय की भागीदारी लगभग नगण्य है।

कानून मंत्रालय के मुताबिक, साल 2018 से दिसंबर 2022 तक भारत के तमाम हाई कोर्ट में 537 जजों की नियुक्ति की गई। इसमें से 79 फीसद जज सामान्य वर्ग के थे जबकि 11 फीसद ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग से, 2.6 फीसद अल्पसंख्यक समुदाय से, 2.8 फीसद अनुसूचित जाति समुदाय से और अनुसूचित जनजाति समुदाय से सिर्फ 1.3 फीसद जज बने हैं।
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि 20 जजों की सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। द इंडियन एक्सप्रेस ने कानून मंत्रालय के हवाले से इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है।
कानून मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बेंच में विविधता को तय करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका पर है।