जोशीमठ शहर पर मँडरा रहे अस्तित्व के संकट से पहले झारखंड का सम्मेद शिखरजी का मामला सुर्खियों में था। दो जैन मुनियों ने इस पवित्र तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने के प्रयास के ख़िलाफ़ अपने प्राण त्यागे और जैन समुदाय के हज़ारों लोगों ने देश के विभिन्न शहरों में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया।

अंतत: केंद्र सरकार ने तीन साल पहले लिए गये अपने ही फ़ैसले को वापस ले लिया और पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके सम्मेद शिखरजी के आसपास सभी तरह की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी।