त्रिपुरा में कांग्रेस और सीपीएम मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक बुधवार को त्रिपुरा में थे, जहां येचुरी ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। त्रिपुरा में मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं और पूर्वोत्तर का यह राज्य कांग्रेस और वामदलों के साथ ही बीजेपी के लिए भी बेहद अहम है।
त्रिपुरा: मिलकर लड़ेंगे कांग्रेस-सीपीएम; बीजेपी को होगी मुश्किल?
- त्रिपुरा
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- 12 Jan, 2023
कांग्रेस और सीपीएम जब मिलकर चुनाव में उतर रहे हैं तो निश्चित रूप से वे बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। अगर वे एक अन्य क्षेत्रीय दल तिपरा मोथा को साथ लाने में कामयाब हो जाते हैं तो सत्ता में वापसी का बीजेपी का रास्ता लगभग बंद हो सकता है। क्या हैं त्रिपुरा के सियासी समीकरण?

सीताराम येचुरी ने कहा कि हमारा फोकस सभी सेक्युलर ताकतों को एकजुट कर बीजेपी की हार को सुनिश्चित करने का है जिससे त्रिपुरा और संविधान को बचाया जा सके।
जबकि दूसरी ओर बीजेपी ने अब तक राज्य सरकार में सहयोगी इंडिजनस पीपल्स फ्रंट ऑफ़ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि बीजेपी के नेताओं ने ऐसा संकेत दिया है कि वह आईपीएफटी के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे।