त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में सोमवार को चुनाव संपन्न हो गए। इसके नतीजे 2 मार्च को सामने आएँगे। लेकिन उन नतीजों से पहले सर्वे एजेंसियों ने एग्ज़िट पोल जारी किया है। जानिए किनकी सरकार बनने के आसार हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को वोट डाले गए। राज्य में 3,328 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। करीब 28.13 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 259 उम्मीदवार चुनावी दौड़ में हैं, जिनमें सिर्फ 20 महिलाएं हैं।
त्रिपुरा विधानसभा के लिए मतदान कल गुरुवार को होगा। बीजेपी के सामने अपनी सरकार बचाए रखने की चुनौती है। त्रिपुरा चुनाव में भी पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगे गए हैं। इसलिए मोदी की साख भी त्रिपुरा में दांव पर है।
त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान है। त्रिपुरा के पिछले चुनाव में बीजेपी ने सीपीएम को सत्ता से हटाया था लेकिन बीजेपी पिछले पांच साल सत्ता में रहते हुए अपना घर ठीक कर पाई। नतीजा ये निकल रहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में हालात उसके खिलाफ हैं।
त्रिपुरा में क्षेत्रीय दलों आईपीएफटी और टिपरा मोझ के बीच नए समीकरण बन रहे हैं। शनिवार से गुवाहाटी के होटल में बैठक चल रही है। बीजेपी की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने के समय से ही वहां बीजेपी पहले से ही चुनावी मोड में चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के लिए त्रिपुरा की जीत इतनी आसान नहीं लग रही है।
त्रिपुरा में हाल ही में चुनावी हिंसा का चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने तीन पुलिस अधिकारियों को हटा दिया है और राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से राजनीतिक दलों के नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। त्रिपुरा में हुए हमले में कांग्रेस के कई नेता घायल हो गए थे।
इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उनमें से पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज बुधवार दोपहर को चुनाव आयोग ने कर दिया। इनमें से त्रिपुरा विधानसभा चुनाव का खास महत्व है।
कांग्रेस और सीपीएम जब मिलकर चुनाव में उतर रहे हैं तो निश्चित रूप से वे बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। अगर वे एक अन्य क्षेत्रीय दल तिपरा मोथा को साथ लाने में कामयाब हो जाते हैं तो सत्ता में वापसी का बीजेपी का रास्ता लगभग बंद हो सकता है। क्या हैं त्रिपुरा के सियासी समीकरण?
त्रिपुरा में चुनावी सर्वे कर रही चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को हाल ही में हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इससे साफ है कि बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं का अगला रण क्षेत्र त्रिपुरा ही होगा।