सोशल मीडिया ने लोगों को सशक्त बनाया है या शक्तिहीन? इसने सूचनाओं को आम लोगों की पहुँच में लाया है या ‘भीड़तंत्र’ बनाने का काम किया? ये सवाल इसलिए कि इस दौर में जब सूचनाओं के आदान-प्रदान का सबसे सशक्त माध्यम सोशल मीडिया है तब यही सोशल मीडिया अब लोगों को गुमराह, प्रभावित और दिग्भ्रमित करने का एक 'कपटी' हथियार बन गया है।
सोशल मीडिया को किसने बना दिया सबसे घातक हथियार?
- सोशल मीडिया
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- 27 Aug, 2019

सोशल मीडिया ने लोगों को सशक्त बनाया है या शक्तिहीन? यह सवाल इसलिए कि सोशल मीडिया अब लोगों को गुमराह, प्रभावित और दिग्भ्रमित करने का एक कपटी हथियार बन गया है।
दुष्प्रचार तो केवल इसका पहला चरण है, जिसके प्रभाव से लोकतंत्र ध्वस्त हो रहा है, पड़ोसी देशों को चकमा दिया जा रहा है और लोगों की सोच का दायरा निर्धारित किया जा रहा है। सोशल मीडिया को बाजार तक लाने वाली कंपनियों ने शुरू में लोगों को व्यापक अनियंत्रित जानकारी और स्वच्छंद वातावरण से सशक्तीकरण का झाँसा दिया था, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, अलबत्ता यह दुष्प्रचार और ग़लत जानकारियों का ऐसा सशक्त माध्यम बन गया जिससे एक साथ करोड़ों लोगों को आसानी से गुमराह किया जा सकता है। हालत यहाँ तक पहुँच गए हैं कि सही जानकारियों पर लोगों ने भरोसा करना बंद कर दिया है और ग़लत समाचारों को दुनियाभर में पहुँचाया जा रहा है।