इज़रायली जासूसी सॉफ़्टवेअर 'पेगैसस' का इस्तेमाल कर भारत के पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर निगरानी रखने पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। मानवाधिकार संगठनों, राजनीतिक दलों, पत्रकारों और दूसरे लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर सरकार की ज़ोरदार आलोचना की है और कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों की जासूसी पर सरकार कटघरे में
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- 31 Oct, 2019
रविवार को यह खुलासा हुआ कि किस तरह स्पाइवेअर पेगासस का इस्तेमाल कर 40 पत्रकारों की जासूसी की गई। लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले 2019 में यह बात सामने आई थी कि वॉट्सऐप से पेगासस के ज़रिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दूसरी लोगो की जासूसी की गई थी। उस समय इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
