क्या आप चाहेंगे कि सोशल मीडिया पर आपकी चैटिंग पर कोई निगाह रखे, क़तई नहीं। सोशल मीडिया चैटिंग से जुड़ा कोई भी ऐप डाउनलोड करते समय आप इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि आप जो बात (चैट) इस ऐप के जरिये किसी से करेंगे, वह किसी दूसरे को पता नहीं चलेगी, और ऐप इस बात का दावा भी करते हैं। लेकिन दुनिया भर में सबसे ज़्यादा पॉपुलर ऐप वॉट्सऐप ने स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दो हफ़्ते के लिये भारत में कई पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, मानवाधिकार और दलित कार्यकर्ताओं पर नज़र रखी गई। फ़ेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप ने कहा है कि इजरायली एनएसओ समूह ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 1400 वॉट्सऐप यूजर्स की निगरानी की थी। जबकि वॉट्सऐप यह दावा करता है कि उसके प्लेटफ़ॉर्म पर जो चैटिंग होती है, वह पूरी तरह इनक्रिप्टेड है यानी चैटिंग कर रहे दो लोगों के सिवा कोई तीसरा शख़्स इसे नहीं पढ़ सकता है।