प्रसन्न चित्त तोताराम ने हमें बताया- 'भारत जोड़ो यात्रा' में कुछ माता पिता अपने बच्चों को ला रहे हैं और उन्हें राहुल गाँधी से मिलवा रहे हैं। बच्चों पर कितना बड़ा अत्याचार है। यह उम्र क्या बच्चों को ऐसी यात्रा में ले जाने की है? इस घोर बाल अत्याचार पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वयं संज्ञान लिया और केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की है कि बच्चों का राजनीतिक औजार के रूप में दुरुपयोग हो रहा है। राहुल के साथ चल रहे किसी भी मानवाधिकार संगठन ने चूँ तक नहीं की। क्यों करेंगे? यदि मोदी जी का सजग और सतर्क शासन-प्रशासन नहीं होता तो कौन उठाता इस घोर अत्याचार के विरूद्ध आवाज़ को?