उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड के ख़िलाफ़ हरियाणा के गुड़गांव में प्रदर्शन पर बवाल खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि गुड़गांव में प्रदर्शन के दौरान नफरती नारे लगे थे और अब इसी मामले में कार्रवाई की गई है। गुड़गांव पुलिस ने उस प्रदर्शन में एक समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ हिंसक और नफ़रती भाषा का इस्तेमाल करने के लिए एफ़आईआर दर्ज की है। प्रदर्शन दो दिन पहले ही हुआ था, लेकिन कार्रवाई आज यानी शुक्रवार को की गई है।
यह घटना बुधवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान हुई। 50 से अधिक लोग नेहरू पार्क में एकत्र हुए थे और क़रीब एक घंटे तक शहर में मार्च किया था। उन्होंने 'इस्लामिक जिहाद आतंकवाद' का पुतला भी जलाया और मुसलिम समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ नारे लगाए।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखता है कि रैली में बड़ी संख्या में लोग भगवा व लाल शॉल और टोपी पहने थे। वे मुसलमानों के ख़िलाफ़ बेहद भड़काऊ नारे लगाते हुए सड़क पर चलते हुए दिखते हैं। वीडियो में एक शख्स को बार-बार भड़काऊ नारे लगाते हुए और माइक्रोफोन में बोलते हुए देखा जा सकता है। उस शख्स के पीछे-पीछे भीड़ भी नारे लगाती है।
पुलिस ने कहा कि रैली के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसने खुद कार्रवाई शुरू की। एक विशेष समुदाय के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए आयोजकों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को फांसी देने और दर्जी कन्हैया लाल के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की।
बता दें कि कन्हैया लाल की हत्या दो आरोपियों ने की थी। उन्होंने इस भयानक हत्या को फिल्माया और बाद में एक वीडियो में इसके बारे में बताया। कन्हैया लाल शहर के व्यस्त धान मंडी बाजार में अपनी दुकान पर थे, तभी हमलावर गोस मोहम्मद और रियाज अख्तरी ग्राहक बनकर आए और उन पर हमला कर दिया।
कन्हैया लाल की हत्या के मामले में उदयपुर के महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सहित भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के 32 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। दोनों आरोपियों को कल कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अपनी राय बतायें