शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 2015 के बेअदबी मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पंजाब के लोगों से पहली बार सीधे माफी मांगी है। सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को कहा कि 2015 में उनकी पार्टी की सरकार के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए उन्हें खेद है।
सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के 103वें स्थापना दिवस पर अमृतसर में गुरुद्वारा शहीद बाबा गुरबख्श सिंह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने क़रीब आठ साल पहले घटी उन घटनाओं को याद किया और इस मामले में अपनी सरकार के विफल होने की बात कही।
2022 के चुनाव में अपनी सीट भी हार चुके सुखबीर सिंह बादल की पार्टी तब कुल तीन सीटों पर सिमट गई और वोट शेयर क़रीब 18 फ़ीसदी ही रहे। इस चुनाव में आप ने 92 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस 18 सीटें जीत पाई।
दरअसल, 2015 में बेअदबी की घटनाओं के बाद से लगातार अकाली दल की हालत ख़राब होती जा रही है। पंजाब में सत्ता में रहते हुए शिरोमणि अकाली दल 2007 से 2017 तक विभिन्न सिख निकायों का प्रभारी था। 2015 में शुरू हुए गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान और कोटकपुरा के बहबल कलां गांव में दो सिखों की हत्या के बाद 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ़ 15 सीटें मिली थीं।
बहरहाल, अब पार्टी की स्थिति ख़राब है और इसी बीच पार्टी के स्थापना दिवस पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मैं हमारी सरकार के दौरान या अन्य कभी भी दुख पहुंचाने के लिए अकाल तख्त साहिब के सामने सिर झुकाकर माफी मांगना चाहता हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारी सरकार के दौरान बेअदबी की घटनाएं हुईं। जनता की भावना है कि यह पंथिक सरकार थी, जो सत्य है। हमें खेद है कि हम दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर सके। हम वादा करते हैं कि हम असली दोषियों को सजा दिलाएंगे और इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों को भी बेनकाब करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'मैं प्रकाश सिंह बादल, अपनी पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की ओर से भी प्रार्थना करता हूं कि हमारी सरकार के दौरान जानबूझकर या अनजाने में की गई किसी भी गलती के लिए हमें खेद है।'
इसके साथ ही सुखबीर बादल ने कहा कि एकजुट होकर ही दुश्मन हुकमराम के अत्याचारों का मुकाबला किया जा सकता है। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, पूर्व मंत्री अनिल जोशी आदि मौजूद थे।
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