पंजाब में लंबे समय तक बीजेपी के साथ राजनीति करते रहे शिरोमणि अकाली दल को कृषि क़ानूनों के पुरजोर विरोध के कारण सियासी राहें अलग करनी पड़ीं। कृषि क़ानूनों को लेकर पंजाब की सियासत में आलम यह है कि मोदी लहर के भरोसे वहां विस्तार करने में जुटी बीजेपी के नेताओं का जनता को इन क़ानूनों के बारे में बताना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे में विस्तार तो दूर की बात है।