एक ओर मोदी सरकार पश्चिम बंगाल के चुनाव में वोटों की फसल काटने के लिए जनवरी से नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) लागू करने की बात कर रही है, दूसरी ओर असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इसके खिलाफ फिर से आंदोलन शुरू हो गया है। पिछले साल नवंबर महीने से ज़ोर-शोर से चल रहा यह आंदोलन इस साल फरवरी में कोरोना के प्रकोप के चलते स्थगित हो गया था।