असम के पत्रकार की गिरफ़्तारी मामले में गुवाहाटी की एक अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी है। गुवाहाटी की एक अदालत ने असम पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे मनमानी करार दिया। कोर्ट ने साफ़ कहा कि यह क़ानून दलितों और आदिवासियों के ख़िलाफ़ अत्याचार रोकने के लिए बनाया गया था, न कि इसका इस्तेमाल लोगों को बिना ठोस आधार के गिरफ्तार करने के लिए किया जाए। यह घटना न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है, बल्कि विशेष क़ानूनों के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है।
असम पत्रकार को बेल: एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग न करे पुलिस- कोर्ट
- असम
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- 31 Mar, 2025
असम के पत्रकार को जमानत देते हुए कोर्ट ने पुलिस को SC-ST एक्ट के दुरुपयोग को लेकर चेताया। जानें पूरा मामला क्या है।

यह मामला असम के पत्रकार दिलावर हुसैन मजुमदार की गिरफ्तारी से जुड़ा है। उन्हें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 25 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह असम डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ार्म 'द क्रॉसकरेंट' के लिए काम करते हैं। उनकी यह गिरफ्तारी तब हुई थी जब वह असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक यानी एसीएबी के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन को कवर करने गए थे।