असम के पत्रकार की गिरफ़्तारी मामले में गुवाहाटी की एक अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी है। गुवाहाटी की एक अदालत ने असम पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे मनमानी करार दिया। कोर्ट ने साफ़ कहा कि यह क़ानून दलितों और आदिवासियों के ख़िलाफ़ अत्याचार रोकने के लिए बनाया गया था, न कि इसका इस्तेमाल लोगों को बिना ठोस आधार के गिरफ्तार करने के लिए किया जाए। यह घटना न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है, बल्कि विशेष क़ानूनों के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है।