असम में आधार कार्ड पाने के लिए एनआरसी आवेदन को ज़रूरी बनाने के फ़ैसले की विपक्षी दलों ने आलोचना की है। उन्होंने बीजेपी सरकार की इसलिए आलोचना की है कि अब तक एनआरसी को अधिसूचित भी नहीं किया गया है, लेकिन आधार कार्ड के लिए इसे पूर्व शर्त के रूप में रखा जा रहा है।
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए एनआरसी आवेदन को एक पूर्व शर्त बनाने का निर्णय बांग्लादेश के नागरिकों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों के मद्देनजर लिया गया था।
सरकार ने बुधवार को फ़ैसला किया था कि अगर आवेदक के परिवार ने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है तो सभी आधार आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे। विपक्षी दलों ने सरकार के इन्हीं फ़ैसलों की आलोचना की है।
आधार व एनआरसी आवेदन से जुड़ी इस ख़बर पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने एक्स पर पोस्ट किया, 'असम में फर्जी लाभार्थियों की समस्या बहुत बड़ी है। सरकारी आंकड़ों से ही पता चलता है कि पीएम किसान योजना के क्रियान्वयन में करोड़ों रुपये की सार्वजनिक धनराशि बर्बाद की गई। असम के लोग जीएसटी, उपकर, शुल्क का भुगतान कर रहे हैं, लेकिन पूरा पैसा भाजपा पार्टी के सदस्यों की जेब में जा रहा है।'
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