कांग्रेस आलाकमान की मुसीबतें सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही हैं। एक मुसीबत से पिंड छूटता नहीं कि दूसरी खड़ी हो जाती है। राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच एक महीने तक चले सियासी झगड़े की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ राज्य कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पहले से जारी अपनी मुखालफ़त को और तेज़ कर दिया है।
राजस्थान की मुसीबत ख़त्म हुई नहीं अब पंजाब में बवाल; क्या करे कांग्रेस आलाकमान
- पंजाब
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- 12 Aug, 2020

बाजवा, दूलों और सिद्धू के समर्थक मंत्रियों व विधायकों ने भी अमरिंदर सिंह की मुसीबतें बढ़ाई हुई हैं। पंजाब में फ़रवरी, 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह लड़ाई आगे ही बढ़ेगी क्योंकि ये तीनों ही नेता अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने तक शांत नहीं बैठने वाले। इन तीनों नेताओं का भी राज्य में अच्छा सियासी आधार है क्योंकि बाजवा के अलावा दूलों भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और सिद्धू पंजाब के हिंदू और सिख मतदाताओं के बीच जाना-पहचाना चेहरा हैं।
आलाकमान तक पहुंचा मामला
पंजाब में शराब कांड को लेकर इन दिनों कांग्रेस के भीतर ही राजनीति चरम पर है। इस कांड में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और इसकी जिम्मेदारी किसकी है, इसे लेकर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने अमरिंदर के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है।