कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन और कर्फ्यू ने ग़रीबों को बेजार कर दिया है। लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। भुखमरी की नौबत है। ऐसे हालात में भी सियासत और हुकूमत की नालायकी की वजह से पंजाब के लाखों ग़रीब केंद्र सरकार से मिलने वाले आधिकारिक राशन से वंचित हैं। राज्य सरकार उनकी इस बड़ी दिक्कत की ओर पीठ किए बैठी है।

कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन और कर्फ्यू ने ग़रीबों को बेजार कर दिया है। ऐसे हालात में भी पंजाब के लाखों ग़रीब केंद्र सरकार से मिलने वाले आधिकारिक राशन से वंचित हैं।
प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना के तहत नीले कार्ड धारियों को 3 महीने का राशन मुफ्त दिए जाने का प्रावधान है। सत्ता में आने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने एक लाख से ज़्यादा नीले कार्ड रद्द कर दिए और ये लोग उन ग़रीब परिवारों से थे जिनके चूल्हे अब काम-धंधे बंद होने के कारण एकदम ठंडे पड़े हैं। मौजूदा संकट में तीन महीने का मुफ़्त राशन उनके लिए बहुत बड़ी सहायता होती। इसके लिए वे बेबसी के साथ पुरजोर गुहार कर रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।