प्रवासी मज़दूरों का पंजाब से बड़े पैमाने पर हो रहा पलायन स्थानीय किसानों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गया है। इसलिए कि धान की रोपाई के लिए किसान पूरी तरह से पुरबिया मज़दूरों पर निर्भर हैं। शासन को फ़िलहाल 10 लाख से ज़्यादा प्रवासी मज़दूरों के घर-वापसी के आवेदन मिले हैं। इनमें से ज़्यादातर लोग पंजाब की किसानी और इंडस्ट्री की रीढ़ हैं। मज़दूरों की घर-वापसी के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ जालंधर, लुधियाना और बठिंडा से चलनी शुरू हो गई हैं। कोरोना वायरस के चलते 1947 के बाद पंजाब पलायन का ऐसा मंजर पहली बार देख रहा है।