पंजाब के जालंधर से मंगलवार सुबह 11 बजे चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में प्रवासी मज़दूर बिहार और झारखंड के लिए रवाना हुए। इसमें 1200 यात्रियों को जगह मिली। इनमें ज़्यादातर श्रमिक हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि अब घर वापसी के ख्वाहिशमंदों की कुल तादाद 8 लाख से ज़्यादा हो गई है और इनमें से 95 फ़ीसदी मज़दूर हैं। पंजाब के मुख्य सचिव केबीएस सिद्धू ने इसकी पुष्टि की है। वापस अपने घरों को लौटने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। सूबे में आलम यह है कि बाहर से आया हर व्यक्ति चले जाना चाहता है।
आज यानी मंगलवार को ही बठिंडा और लुधियाना से विशेष रेलगाड़ियाँ निकलेंगी। प्रवासी लोगों की बड़ी संख्या होने की वजह से एक पखवाड़े तक प्रवासी मज़दूरों को वापस भेजने के लिए रेलगाड़ियाँ चलाई जाएँगी। मज़दूरों की घर वापसी के लिए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इधर रेल मंत्रालय ने कहा है कि देश भर के अलग-अलग ज़ोन में अब तक 67 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना हो चुकी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि जालंधर से जो विशेष रेलगाड़ी खुली उसमें यात्रियों को पूरी हिदायतों और बंदोबस्त के साथ बिठाया गया। हर एक की मेडिकल जाँच कर सर्टिफिकेट दिया गया। रेलगाड़ी में खाने का बंदोबस्त राज्य सरकार की ओर से किया गया है।
पंजाब में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमित मामलों के बीच प्रवासी लोगों का पलायन जारी है। राज्य के अब वे इलाक़े भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं जो इस महामारी से बचे हुए थे।
आज सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमित लोगों के मामले ज़िला फाजिल्का में आए। यहाँ नए 30 संक्रमित मामले पाए गए। मंगलवार को ही कोरोना पॉजिटिव के कुल 50 मामले ख़बर लिखे जाने तक आ चुके हैं। फाजिल्का के अतिरिक्त श्री मुक्तसर साहिब में 15 और जालंधर में पाँच मामले सामने आए हैं। राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में भी 9 नए मामले सामने आए। नए संक्रमितों में से तमाम वे हैं, जो दूसरे राज्यों से आए हैं। पंजाब में आज नए मामले सामने के बाद कोरोना संक्रमितों की कुल तादाद 1,305 से अधिक हो गई है। क़रीब 7000 लोगों की जाँच रिपोर्ट लंबित है। चंडीगढ़ में 111 पॉजिटिव हैं।
कोरोना पर राजनीति
अब राज्य में कोरोना वायरस के फैलने पर खुलकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस का आरोप है कि शिरोमणि अकाली दल हजूर साहिब से वापस आए कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों की बाबत झूठ पर झूठ बोल रहा है। शिरोमणि अकाली दल की पुरजोर माँग पर ही उन्हें आनन-फानन में वापस लाया गया था। अब सांसद सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं कि राज्य सरकार की लापरवाही के चलते श्रद्धालुओं में वायरस फैला। जबकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने लापरवाही बरती और इसके चलते वहाँ से आने वाले लोग संक्रमित हुए। अमरिंदर का खुला आरोप है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट काल में भी पंजाब से भेदभाव कर रहे हैं, जबकि यह राज्य कोरोना की 'हिटलिस्ट' में शिखर पर है।
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