नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम, त्रिपुरा सहित पूरे राज्यों में ज़बरदस्त विरोध के बीच पंजाब में भी इसका विरोध तेज़ हो रहा है। राजनीतिक दल तो अपने फ़ायदे-नुक़सान को देखकर विरोध कर ही रहे हैं लेकिन कई ग़ैर-सरकारी संगठन और सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं। गुरुवार को भी इनका विरोध जारी रहा। इस विधेयक के लोकसभा और राज्यसभा में पास होने से पहले से ही विरोध हो रहा है। मानवाधिकार दिवस तो नागरिकता संशोधन बिल विरोधी दिन के रूप में बदल गया था।

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम, त्रिपुरा सहित पूरे राज्यों में ज़बरदस्त विरोध के बीच पंजाब में भी इसका विरोध तेज़ हो रहा है।
कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को मालवा के इलाक़े में झनीर सहित कई जगहों पर प्रदर्शन किया। इससे पहले भी जब राज्यसभा में विधेयक पर बहस हो रही थी तब नागरिकता विधेयक के विरोध में पंजाब के चार प्रमुख वामपंथी संगठनों और कई जम्हूरी संगठनों ने अमृतसर में संयुक्त तौर पर एक बड़ी रैली का आयोजन किया था। लंबा जुलूस निकाला गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुतले जलाए। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में भी आइसा के छात्रों ने भी बुधवार देर रात विरोध-प्रदर्शन किया।