केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही लोकसभा में बताया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की फाँसी की सज़ा बरक़रार है और उसे किसी क़िस्म की कोई माफ़ी नहीं दी गई है, वैसे ही पंजाब की राजनीति में नया तूफ़ान आ गया। दरअसल, अभी तक माना जा रहा था कि पटियाला जेल में बंद फाँसी की सज़ा पाए राजोआना को माफ़ी देकर उसकी सज़ा उम्रकैद में तब्दील कर दी गई है। अकाली-भाजपा गठबंधन के वरिष्ठ नेता इसे मोदी-शाह की सिखों के प्रति हमदर्दी बताते नहीं थकते थे। प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल तो इस बात का श्रेय भी ले रहे थे कि उनकी कोशिशों के चलते केंद्र ने राजोआना की सज़ा में तब्दीली की है। अब अमित शाह के लोकसभा में दिए गए बयान के बाद अकाली खेमा सन्न है और इसे केंद्र का सिखों के साथ धोखा बता रहा है। अन्य पंथक और सिख संगठन भी बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर ले रहे हैं। पंजाब की राजनीति में ज़बरदस्त उबाल है।