पंजाब के किसानों ने जब कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की शुरुआत की तो तब इसकी गूंज राज्य से बाहर नहीं थी। लेकिन 26 नवंबर को जब किसान पंजाब से चले और हरियाणा की बीजेपी सरकार ने उन्हें रोकने की पुरजोर कोशिश की, उसके बाद हरियाणा के साथ ही तमाम राज्यों किसान, मजदूर संगठन इस आंदोलन के साथ जुड़ गए।
अनशन पर रहे केजरीवाल, पंजाब के किसान वोटों पर नज़र!
- पंजाब
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- पवन उप्रेती
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- 14 Dec, 2020


पवन उप्रेती
किसान आंदोलन ने पंजाब की सियासत पर भी गहरा असर किया है। इसलिए शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ख़ुद को किसानों का हितैषी दिखाने की जोरदार कोशिश कर रहे हैं।
किसान आंदोलन ने पंजाब की सियासत पर भी गहरा असर किया है। इसलिए शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ख़ुद को किसानों का हितैषी दिखाने की जोरदार कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब की सियासत में किसानों का ख़ासा असर है। किसानों के इन क़ानूनों के पुरजोर विरोध में उतरने के कारण ही शिरोमणि अकाली दल को एनडीए से नाता तोड़ना पड़ा और मोदी सरकार में शामिल मंत्री हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफ़ा भी देना पड़ा।