18 मार्च से फरार चल रहा 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह खालसा आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसे पंजाब के मोगा जिला के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया है। यहीं से उसने अलगाववाद का अपना सफर शुरू किया था। रोडे संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला का गांव है। बीते साल यहीं के गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह की 'दस्तारबंदी' हुई थी। उसके बाद उसने खुलेआम अलगाववाद की राह अख्तियार कर ली। वह खालिस्तान का हिमायती बन गया।

खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद तरह-तरह के सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। यह विवाद भी शुरू हो गया है कि उसने सरेंडर किया या गिरफ्तारी दी। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह शुरू से ही अमृतपाल की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए थे। आज सुबह अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद अमरीक की रिपोर्टः