पुलवामा आतंकी हमले से देश वैसे ही आक्रोशित है जैसे उरी, नागरोटा और पठानकोट जैसे हमलों के बाद था। संसद पर हमला, मुंबई में आतंकी हमले और करगिल युद्ध के वक़्त भी तो देश कमोबेश ऐसे ही आक्रोश में नज़र आया था। तो फिर इस बार अलग क्या है? एक पत्रकार के नाते मैं दो दिनों से इसी सवाल का जवाब तलाश रहा हूँ।
विफलता : क्यों क़ाबू से बाहर हुआ कश्मीर?