@SonyTV if u are not throw out #NavjotSinghSidhu we will boycott your channel pic.twitter.com/0rXOShgoVI
— Rahul kumar (@rahulkuoz) February 15, 2019
'आतंकवादी हैं प्रशांत भूषण'
पुलवामा हमले के मुद्दे पर साइबर आर्मी का शिकार मशहूर वकील प्रशांत भूषण को भी होना पड़ा। भूषण का 'गुनाह' सिर्फ़ इतना था कि उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठाया था कि जम्मू-कश्मीर के युवा आख़िर क्यों हिंसा का रास्ता अख़्तियार कर रहे हैं। बस, फिर क्या था? हज़ार लोगों ने उनके ट्विटर अकाउंट पर जा कर उन्हें जवाब दिया और तमाम मर्यादाओं को धता बताते हुए उनकी जम कर मजम्मत की, यहाँ तक कि उन्हें आतंकवादी क़रार दिया गया।"Pulwama bomber Adil Ahmad Dar became terrorist after he was beaten by troops". It's imp to understand why so many young men in Kashmir are becoming militants&willing to die. Even US forces couldn't hold Afghanistan & Iraq after large-scale suicide attackshttps://t.co/2mr5d3WK2Z
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) February 16, 2019
सोची समझी रणनीति के तहत राष्ट्रवाद का एक ऐसा 'नैरेटिव' तैयार कर लिया गया है, जिसमें सरकार के किसी भी फ़ैसले का विरोध करने वाले को देशद्रोही क़रार दिया जाता है।
'केंद्र सरकार की कमज़ोरी से हमला'
जब बीजेपी विपक्ष में थी तो वह कश्मीर और सेना के मुद्दे पर बहुत ही मुखर थी। हर बार आतंकवादी हमला या सीमा पर झड़प होने पर वह तत्कालीन सरकार पर बुरी तरह टूट पड़ती थी। इस अभियान में सबसे आगे नरेंद्र मोदी ही रहते थे। फ़ेसबुक पर 'ड्रंक जर्नलिस्ट' के पेज़ पर मोदी का वह वीडियो देखा जा सकता है, उसके साथ ही पुलवामा हमले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की प्रतिक्रिया भी देखी जा सकती है।'10 पाक सैनिकों के सिर लाओ'
साल 2013 में पाकिस्तान की बोर्डर एक्शन टीम के लोग सीमा पार कर भारत में घुस आए और लांस नायक हेमराज सिंह की हत्या कर, उनका सिर काट ले गए। इस पर खूब बावेला मचा था245। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज का वह बयान आज भी लोगों को याद है कि एक हेमराज के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों के सिर लाए जाने चाहिए।'भारतीय सेना अभी लाहौर में होती'
साल 2013 में हुए आतंकवादी हमले पर मनमोहन सिंह सरकार की तीखी आलोचना करते हुए बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा था कि यदि आज नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री होते तो अब तक भारतीय सेना लाहौर पहुँच चुकी होती। इस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और गिरिराज सिंह उन्हीं की सरकार में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए है कि उनकी सरकार ने भारतीय सेना को कहाँ तक पहुँचाया है।निशाने पर राहुल गाँधी
साइबर आर्मी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को निशाने पर लिया। उसने फ़ोटोशॉप कर राहुल गाँधी को पुलवामा के हमलावर के साथ दिखाया और कहा वह कांग्रेस अध्यक्ष के नज़दीक है। लेकिन ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल कर यह साबित कर दिया कि यह फ़ेक न्यूज़ का मामला था। जिस फ़ेसबुक पेज़ पर राहुल की यह फ़ेक न्यूज़ चला, उसने 'वन्स अगेन मोदी राज' का नारा लिख रखा है और वहाँ भगवा झंडा भी लगा रखा है।निशाने पर प्रियंका
साइबर आर्मी के निशाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी भी हैं। फ़ेसबुक पर नरेंद्र दामोदर मोदी नाम के पेज़ पर यह कहा गया है कि प्रियंका गाँधी ने पुलवामा हमले से पहले 7 फ़रवरी को दुबई में पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से मुलाक़ात की थी।Priyanka Vadra was laughing at press conference 😡😡
— अंकुर सिंह (@iAnkurSingh) February 14, 2019
Such vultures pic.twitter.com/hVSWWWfuiu
यह साफ़ है कि जानबूझ कर देश में युद्धोन्माद फैलाया जा रहा है। चुनाव के ठीक पहले इसके राजनीतिक निहितार्थ हैं। सवाल यह उठता है कि क्या एक ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है जिसमें कश्मीर या आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर सरकार से कोई सवाल न पूछा जाए?
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